मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के रायपुर स्थित निवास में हर साल की तरह इस साल भी गोवर्धन और देवारी तिहार पारंपरिक हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। निवास में आयोजित देवारी तिहार एवं गोवर्धन पूजा उत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती मुक्तेश्वरी बघेल और परिवार के सदस्यों के साथ गौरा-गौरी और गोवर्धन पूजा की और गौमाता को खिचड़ी खिलाकर प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की मंगलकामना की। मुख्यमंत्री ने गौवंश के प्रति कृतज्ञता के प्रतीक पर्व पर गौ माता को अपने हाथों से खिचड़ी खिलाकर परंपरा का निर्वहन किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर देवरी, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, मातर अउ गौठान दिवस की बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि कोरोना के बाद छत्तीसगढ़ में दीपावली बड़े ही उत्साह के साथ मनाई गई। दीपावली के कुछ दिन पहले 17 अक्टूबर को न्याय योजनाओं के अंतर्गत लगभग 1900 करोड़ रुपए की राशि का अंतरण किसानों, पशुपालकों, स्व-सहायता समूहों, भूमिहीन कृषि मजदूरों के खातों में किया गया। इसके साथ ही कर्मचारियों के डीए में बढ़ोतरी और बिजली कर्मचारियों को भी दीवाली पर बोनस दिया गया। इससे छत्तीसगढ़ में इस साल बहुत उत्साह से दीपावली मनाई गई।
इसी तरह यादव समाज के लोग गोवर्धन पूजा के दिन गावो और शहरों में राउत नाचा करते है। इस नृत्य में पशुधन की वृद्धि, फसल उत्पादन बढ़ाने की कामना के साथ ही सभी की मंगलकामना की जाती है।
देवारी-गोवर्धन पूजा के लिए ग्रामीण परिवेश में सजा मुख्यमंत्री निवास
इस विशेष अवसर के लिए छत्तीसगढ़ की परंपरा अनुसार धान की बालियां, आम पत्ता, गेंदा फूल से मुख्यमंत्री निवास को सजाया गया। मुख्यद्वार के ऊपर बंसी बजाते कृष्ण भगवान, द्वार के दोनों ओर लाठी लिए राउत नाचा करते पुरुषों के चित्र प्रदर्शित किए गए। अंदरद्वार पर दीप लिए हुए महिलाओं की प्रतिमा और राउत नाचा में पहने जाने वाले खुमरी और सजी हुई लाठियों से आकर्षक ढंग से सजाया गया। परिसर में गौरा-गौरी पूजन स्थल पर धान की बालियों से कलश और विशेष कलाकृति बनाई गयी थी। कार्यक्रम स्थल को ग्रामीण परिवेश का स्वरूप दिया गया है, घर को भी नांगर (हल), गाड़ा चक्का, टुकनी, रापा, कुदारी, सिल-लोड़हा, खटिया, कांवर, तुलसी चौरा, कंडील (लालटेन) से सजाया गया था। दीवारों में पेड़-पौधे, तोता-मैना, सुआ नृत्य करती महिलाएं, उत्साह पूर्वक पटाखे फोड़ते बच्चे, गौरा-गौरी विसर्जन के लिए जाती हुई महिलाएं, राउत नाचा, गाय चराते और दूध दुहते ग्वाले को आकर्षक ढंग से चित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बॉड़ी को भी आकर्षक ढंग से दिखाया गया था।