सरगुजा जिले से छत्तीसगढ़ सरकार को मिलेंगे करोड़ों रुपये का राजस्व, राजस्थान की बंद पड़ी खदान होगी फिर से शुरू

अंबिकापुर, 21 दिसंबर 2023: जिले के राजस्थान सरकार की परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) खदान के नियमित संचालन की खबर मिलने से यहां के बेरोजगार युवा उत्साहित हैं। जहां एक ओर उन्हें उनका रोजगार फिर से मिलेगा तो वहीं जिले सहित प्रदेश सरकार को कई महीनों से हो रहे करोड़ों रुपए के राजस्व के नुकसान से भी मुक्ति मिल जाएगी। उदयपुर प्रखण्ड के अंतर्गत जिले की एक मात्र खदान के नियमित संचालन के लिए ग्राम पंचायत परसा, साल्ही, बासन, फतेहपुर, घाटबर्रा, जनार्दनपुर, हरिहरपुर सहित कुल 14 गावों के स्थानीय युवाओं द्वारा गत 200 से भी अधिक दिनों से धरने पर बैठे हुए थे। वहीं जब उन्हें इस खदान की सभी बाधाओं को दूर कर खदान के नियमित संचालन के प्रयासों की खबर लगी तो इनकी खुशी का ठिकाना ही नहीं था। और हो भी क्यूँ ना ? आखिरकार भाजपा सरकार के आते ही बेरोजगार हुए 5000 से भी की नौकरी का एकबार फिर से बहाली का रास्ता जो खुलने लगा है जो की तत्कालीन सरकार के समय बंद हो गया था। कुछ महीने पहले जब उन्हें रोजगार की तलाश में क्षेत्र से पलायन के अलावा और कोई रास्ता नहीं नजर आ रहा था तब यह खबर इन सभी के लिए राहत की सांस की तरह है।

उल्लेखनीय है कि सरगुजा जिले के प्रभावित ग्रामीणों ने क्षेत्र के नव निर्वाचित विधायकों को रायपुर में पिछले सप्ताह ज्ञापन सौंपा था। ग्रामीणों ने अंबिकापुर क्षेत्र के विधायक श्री राजेश अग्रवाल तथा प्रेमनगर क्षेत्र के विधायक श्री भूलनसिंह मरावी से 13 दिसंबर को सौजन्य मुलाकात की थी। जिसमें इन्होंने उनके तहसील में चल रहे पीईकेबी खदान के निर्बाध संचालन हेतु चाही गई जमीन को जल्द से जल्द उपलब्ध कराने तथा परसा खदान शुरू कराने हेतु ज्ञापन सौंपा।

समूह में शामिल ग्राम साल्ही के मोहन पोर्ते तथा रघुनन्दन पोर्ते, घाटबर्रा के अहिवरण मरकाम, फतेहपुर के केश्वरसिंह पोर्ते और हरिहरपुर के राजेश्वर दास ने इस खबर के बारे में कहा की, “ हम सभी सरगुजा जिले के निवासी हैं, हमारे उदयपुर ब्लॉक में राजस्थान सरकार की एक मात्र खदान चल रही थी जिसमें करीब 5,000 परिवार निर्भर था, और कुछ सप्ताह से उसके बंद होने से हम सब परेशान हैं। पिछली सरकार ने इसे बंद करके हम सभी को बेरोजगार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जिससे हम सभी में रोष व्याप्त है। अब नयी सरकार के आने से खदान के सामने लगी बाधाएं दूर होने की आशा हम कर रहे है। और हमारा रोजगार एक बार फिर हमें मिल जाएगा साथ ही यहां के सभी सीएसआर के कार्य भी फिर से शुरू हो जाएंगे।“

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