बाबा गुरू घासीदास जी के विचारों को करें आत्मसात: मंत्री गुरू रूद्रकुमार

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री और सतनामी समाज के जगतगुरु गुरू रूद्रकुमार आज राजधानी के अमलीडीह में आयोजित सात दिवसीय सत्संग कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने ने गुरू गद्दी की विधिवत् पूजा-अर्चना कर कहा कि सतनाम समाज के सभी अनुयायियों को परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास के विचारों को आत्मसात् कर अपने विचार एवं कर्म को स्वच्छ, सुंदर एवं उज्ज्वल बनाए। उन्होंने कहा कि बाबा जी के बताए मार्ग पर चले और ऐसा काम करें जिससे दूसरों को कोई भी तकलीफ ना हो सभी को जैतखाम में चढ़ने वाले पालो की तरह अपनी आत्मा और वाणी को साफ, स्वच्छ व सुंदर बनाएं रखना चाहिए। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक परम पूज्य बाबा गुरू घासीदास के त्याग, तपस्या एवं उनके पावन कर्मों तथा सतनामी समाज के गौरवशाली इतिहास के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
मंत्री गुरू रूद्रकुमार अमलीडीह के गांधी नगर सतनाम सत्संग समिति द्वारा आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। मंत्री गुरू रूद्रकुमार का सतनामी समाज के लोगों ने आत्मीय एवं भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने सतनामी समाज द्वारा किए जा रहे सामाजिक एकता के कार्यों की सराहना भी की। समाज के लोगोें को गौरवशाली इतिहास एवं संस्कृति का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने समाज को कुरीतियों से दूर रखने तथा समाज हित में निरंतर कार्य करने की बात कही। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ के अधिकांश क्षेत्रों में सतनामी समाज की बहुलता है। लंबे समय से समाज के भण्डारी और साटीदार द्वारा मुझे अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ राज्य तो बन गया, लेकिन समाज में एकता नहीं दिखाई दे रही है। इस बात को लेकर एक रूपरेखा तैयार कर सम्पूर्ण राज्य में सतनाम संदेश यात्रा की शुरूआत की। जिसका परिणाम गिरौदपुरी धाम में इस यात्रा के दौरान देखने को मिला। इस यात्रा में बड़ी संख्या में अन्य समाज के लोग भी शामिल रहे। उन्होंने कहा कि पैसे कमाने की होड में कुछ लोगों द्वारा किताब प्रकाशित कर सतनामी समाज के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। सतनामी समाज की गौरवशाली इतिहास के बारे में जगतगुरू सतनाम पंथ डॉट कॉम वेबसाईट बनाया गया है। जिसमें सतनामी समाज के बारे में सम्पूर्ण जानकारी समाहित है।
इस अवसर पर पार्षद प्रतिनिधि श्री नानू ठाकुर, श्री शिव टंडन, श्री किशुन सोनवानी, श्रीमती संतोष संतोषी टंडन, श्रीमती माधुरी कोसरिया, श्रीमती मीना जांगड़े, श्रीमती सालू कठोत्रे, सीता टंडन सहित बड़ी संख्या में सतनामी समाज के लोग उपस्थित थे।

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