Mla देवेंद्र यादव और NSUI, युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी के विरोध में NSUI ने किया कलेक्ट्रेट परिसर घेराव, 5 सूत्रीय माँग को लेकर सौंपा ज्ञापन

रायपुर। बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण पर हो रही द्वेषपूर्ण कार्यवाही एवं मामले का राजनीतिकरण किए जाने के विरोध में NSUI ने प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालय में कलेक्टरों को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। राजधानी में प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय के नेतृत्व में NSUI कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट परिसर में किया प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया।
प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय ने कहा कि गत दिवस अमर गुफा में सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम को काटा जाना अत्यंत ही शर्मनाक घटना थी जिसके चलते पूरे सतनामी समाज की भावनाओ को ठेस पहुंची जिसपर की गई पुलिस की कार्यवाही से भी समाज संतुष्ट नहीं हुआ उसके बावजूद मामले को दबाने का कुत्सित प्रयास प्रशासन द्वारा किया गया जोकि निंदनीय है। जिसके चलते पूरे सतनामी समाज की भावनाओ को ठेस पहुंचा। 10 जून को सतनामी समाज द्वारा धरना प्रदर्शन एवं कलेक्टर कार्यालय घेराव किया गया जहां आगजनी जैसी भयावह घटना घटी जिससे आम जन सहित सरकारी संपत्तियों का भारी नुकसान देखने को मिला। उक्त मामले में जहां पुलिस प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करनी थी उसके बजाय पुलिस निर्दोष सतनामी समाज के युवाओं और कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारियों को गिरफ्तार करने में जुट गई।

बीते दिनों हमारे छात्र संगठन एनएसयूआई एवं युवा कांग्रेस के शैलेंद्र बंजारे, सूर्यकांत वर्मा, अजीत कोसले, विवेक यदु को भी इसी तरह राजनीतिक द्वेष से गिरफ्तारी और फ़र्ज़ी FIR किया गया। जिसके बाद उनके परिजनों को पुलिस द्वारा धमकाए जाने दबावपूर्वक बयान दर्ज करवाए जाने की शिकायतें भी सामने आने लगी।

छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसी शर्मनाक घटना नहीं घटी थी जब किसी चुने हुए जनप्रतिनिधि को टारगेट करते हुए उनके खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा षड्यंत्र कर उन्हे फंसाया जाए जोकि भिलाई नगर के विधायक देवेन्द्र यादव की गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश ने देखा। जबकि पुलिस प्रशासन के पास ऐसे कोई भी ठोस सबूत नहीं जो विधायक देवेंद्र यादव को दोषी साबित करते हों। वहीं धारा 160 के तहत उन्हें बयान दर्ज कराने हेतु बलौदाबाजार थाना लाया गया और बलौदाबाजार आगजनी प्रकरण में आरोपी बनाकर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जोकि पूर्णतः न्यायलयीन प्रक्रिया और पुलिस प्रोसिडिंग की धज्जियां उड़ाना है आज दिनांक तक देवेन्द्र यादव जी के परिजनों को एफआईआर की प्रति तक नहीं दी गई।
जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने इस पूरे प्रकरण को विपक्ष की ओर मोड़कर अपना पल्ला झाड़ना चाहती है जोकि निंदनीय है।

॰5 सूत्रीय माँग को लेकर दिया ज्ञापन, माँग नहीं पूरी होने पर आंदोलन की चेतावनी

1. सतनामी समाज के पूज्य जैतखाम को क्षति पहुंचाने के मामले में समाज की मांग अनुरूप सीबीआई जांच करवाई जाए

2. विधायक देवेंद्र यादव, एनएसयूआई के निर्दोष छात्र नेताओं पर लगे आपराधिक धाराएं हटाई जाएं

3. आगजनी मामले की निष्पक्ष जांच हेतु न्यायालय के अधीन पृथक टास्क फोर्स गठित की जाए जिससे इस तरह के षड्यंत्र ना किए जा सके।

4. विधायक देवेंद्र यादव के प्रकरण में संलिप्त पुलिस विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की भी जांच हो जिससे एक चुने हुए जनप्रतिनिधि की गरिमा को जो ठेस पहुंचाई गई है उसका पर्दाफाश हो

5. बलौदाबाजार आगजनी मामले के पूर्व ही भाजपा के पूर्व विधायक एवं जिलाध्यक्ष सनम जांगड़े ने उग्र आंदोलन की बात कही थी वहीं घटना स्थल में उनकी मौजूदगी थी, लेकिन उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। आगजनी में अब तक पुलिस ने उन्हे पूछताछ हेतु नोटिस तक नहीं दिया जोकि मामले की जांच में संदेह पैदा करता है। यदि पुलिस के पास उनसे संबंधित साक्ष्य की कमी है तो हम उपलब्ध कराने सक्षम हैं। यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं होती है तो उक्त विडियो फुटेज हम सोशल मीडिया और सार्वजनिक स्थलों में माइक के माध्यम से प्रसारित करने बाध्य होंगे।
प्रदेशन में प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा, प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल, ज़िला अध्यक्ष शान्तनु झा, प्रशांत गोस्वामी, संकल्प मिश्रा, निखिल वंजारी, विशाल कुकरेजा, प्रशांत चंद्राकर, वैभव मूँजेवार, भोजराज, अनिल रेड्डी, दिव्यांश श्रीवास्तव, रजत ठाकुर, पुनेश्वर लहरे, गवेश साहू, कृश सहारे, तनिष्क मिश्रा, जोंटी गिल, संस्कार पांडेय अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

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