जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक के लिए चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने प्रिंसिपल कमिश्नर सेन्ट्रल जीएसटी एवं स्टेट जीएसटी कमिश्नर से मिलकर जीएसटी सरलीकरण के सुझाव हेतु ज्ञापन सौंपा

रायपुर। छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव,राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 17 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिलिंग की बैठक में सुझाव देने हेतु दिनांक 28-11-2022 को चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों की बैठक संपन्न हुई थी । इसी तारतम्य में आज प्रदेश चेंबर अध्यक्ष के नेतृत्व में चेंबर प्रतिनिधिमंडल ने श्री अतुल गुप्ता (IRS), प्रिंसिपल कमिश्नर, सेन्ट्रल जीएसटी तथा श्री भीम सिंह (IAS) राज्य जीएसटी आयुक्त से मिलकर जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव के सम्बंध में ज्ञापन सौंपा ।
चेंबर प्रदेश अध्यक्ष श्री पारवानी जी ने बताया कि 17 दिसंबर को होने वाली जीएसटी काउन्सिल की बैठक में जीएसटी सरलीकरण हेतु सुझाव देने तथा प्रदेश के व्यापारियों में जीएसटी को लेकर आ रही कानूनी और तकनीकी परेशानियों के सम्बंध में चेंबर भवन में विभिन्न व्यापारिक-औद्योगिक संगठनो एवं पदाधिकारियों की बैठक रखी गई थी जिसमे जीएसटी सरलीकरण को लेकर विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए ।

कुछ व्यापारियों ने जीएसटी के जटिल प्रारूप को ही निरस्त करने की मांग की तथा जीएसटी के कारण व्यापार में बढ़ रहे लेखांकन खर्च सम्बन्धी परेशानियों को भी सामने रखा जिसे प्रमुख रूप से चेंबर ने सुझावों में सूचीबद्ध किया।

प्रमुख सुझाव निम्नानुसार है:-

• एक ही लेनदेन पर दो दो बार ब्याज
• नियम 86 बी- Restriction of ITC to 99%
• इनपुट टैक्स क्रेडिट जीएसटीआर 2बी के आधार मान्य होने
• जीएसटी प्रणाली में ब्याज की गणना के प्रावधान को बदलने बाबत
• पूर्व माह का जीएसटीआर -3बी न जमा होने पर जीएसटीआर -1 जमा करने पर प्रतिबन्ध
• नियम 21 जीएसटी पंजीकरण का निलंबन/निरस्तीकरण
• ई-इनवॉइसिंग के 1 अक्टूबर 2022 से रु.10 करोड़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों पर लागू किए गए प्रावधान वापस लेने बाबत.
• E- Invoicing की स्थिति में खरीददार को इनपुट अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए.
• ई-वे बिल की वैधता अवधि में 50 प्रतिशत की कटौती
• माल के परिवहन एवं ई-वे बिल सम्बंधित समस्याएं
• छुटे हुए इनपुट टैक्स क्रेडिट लेन एवं वार्षिक विवरण पत्र में संशोधन किए जाने हेतु अवसर प्रदान करने बाबत्.
• जीएसटी वार्षिक विवरण के सम्बंध में सुझाव.
• ब्याज, पेनाल्टी एवं विलंब शुल्क से छुट प्रदान करने हे.
• जीएसटी का रजिस्ट्रेशन संरेडर करने बाबत.
• ई-वेय बिल अवधि निर्धारण में अवकाश के दिनों को शामिल ना किये जाने.
• 1आर, एवं 3बी विवरिणी नहीं जमा होने पर, विक्रेता पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए
• RCM संबधित प्रावधान
• स्टेशनरी वस्तु “पेन“ पर जीएसटी में वृद्धि न बढ़ाए जाने बाबत
• रिटर्न सम्बंधित अन्य समस्याए.

इस अवसर पर चेंबर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, उपाध्यक्ष भरत जैन, जय नानवानी, मंत्री निलेश मुंधड़ा, दिलीप इसरानी, अमित अग्रवाल एवं भिलाई चैंबर कार्यालय प्रधान श्री ठाकुर गौतम सिंग आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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